चुनाव विशेष : बुजुर्गों और दिव्यांगों को वोट डालने पोलिंग बूथ जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे ऐसे कर सकेंगे मतदान
चुनाव विशेष : बुजुर्गों और दिव्यांगों को वोट डालने पोलिंग बूथ जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे ऐसे कर सकेंगे मतदान
ग्वालियर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है. खासकर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर सबसे ज्यादा कवायद की जा रही है, लेकिन इसी कवायद को लेकर तैयार हुई प्लानिंग पर अब सियासत शुरू हो गई है. दरअसल ग्वालियर जिले के 80 साल से अधिक उम्र के लगभग 33 हजार वोटर और दिव्यांग मतदाताओं को वोट डालने के लिए अब पोलिंग सेंटर नहीं जाना पड़ेगा. इनके घर बीएलओ पहुंचेंगे. वे पहले फॉर्म भरवाएंगे फिर डाक मतपत्र देंगे. यह काम चुनाव से एक सप्ताह पहले होगा. ऐसे ही सेना में पदस्थ 4 हजार से अधिक सर्विस वोटरों को भी ईटीपीबी की सुविधा मिलेगी. पोलिंग पार्टी में शामिल होने वाले 11 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी भी डाक मतपत्र का उपयोग करेंगे. इन्हें भी ड्यूटी पर जाने से पहले वोट डालने की सुविधा दी जाएगी.
कांग्रेस का आरोप
इसी व्यवस्था पर अब कांग्रेस गंभीर आरोप लगा रही है. काँग्रेस के पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला का कहना है कि चुनाव आयोग वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए अच्छे कदम उठा रहा है, लेकिन आयोग इस बात का भी ध्यान रखे कि इस कवायद के बीच वोटर्स को प्रभावित न किया जाए. BJP ऐसे ही मौके की ताक में रहती है. बीते चुनावों में भी BJP कई ऐसे हतकण्डे अपना कर वोट को प्रभावित करती है.
बीजेपी का पलटवार
कांग्रेस के इन आरोपों पर कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त बीज निगम अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल का कहना है कि कॉंग्रेस सिर्फ आरोप लगाने का काम करती है. जनता समझदार है. वह सही गलत का निर्णय लेना जानती है. चुनाव आयोग दिव्यांग और 80 साल पार कर चुके वोटर्स को घर बैठे वोट की सुविधा दे रहा है, तो यह अच्छी पहल है. लोकतंत्र के इस महायज्ञ में सभी की आहुति होना जरूरी होती है.
कुछ आंकड़ों पर गौर कीजिए
• जिले में 80 साल से अधिक उम्र के वोटरों की संख्या 21 हजार 914 है.
• इनमें सर्वाधिक 18 हजार 336 वोटरों की उम्र 80 से 89 साल के बीच है.
• इस उम्र के वोटरों में महिलाएं 10 हजार 62 हैं -पुरुष वोटरों की संख्या 8 हजार 272 है.
• अलग-अलग तरह के दिव्यांग वोटरों की संख्या वर्तमान में सभी छह विधानसभा में 11 हजार 516 है.
इन मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचना जरूरी नहीं होगा. दोनों वर्ग के वोटरों के घर टीम जाएगी. पहले डाक मतपत्र देने के इच्छुक बुजुर्ग, दिव्यांगों से फॉर्म भरवाए जाएंगे. इसके बाद उनके घर डाक मतपत्र लेकर पहुंचने वाली टीम वोट भी डलवाएगी. इनकी गिनती अन्य वोटों से पहले होगी. इसके साथ ही जिले के 4 हजार 765 वोटर सेना में तैनात हैं, जो देशभर में अलग-अलग जगह नौकरी कर रहे हैं. इन्हें मेल के माध्यम से दो सप्ताह पहले ईटीपीबी (इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट) तैनाती वाले एड्रेस पर भेजे जाएंगे. वहां से वे प्रिंट निकालकर डाक से अपना वोट निर्वाचन कार्यालय भेजेंगे. ऐसे ही जिले की 1729 पोलिंग पार्टी में शामिल रिजर्व अधिकारी-कर्मचारियों के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा भी 10 से 15 दिन पहले दी जाएगी. इनकी संख्या 11 हजार से अधिक रहेगी.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चल रहा है. इसी कड़ी में वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए यह कवायत की गई है. जिस पर सियासत हो रही है. ऐसे में देखना होगा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान जिले के इन मतदाताओं का राजनीतिक दलों के प्रत्याशीयो की हार जीत में कितना बड़ा कारण बनेगा.
Source : online.
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