Citizenship Amendment Act: CAA के तहत किसे छोड़ना होंगा देश, जानें दस्तावेज से पंजीयन तक की पूरी प्रक्रिया

Mar 14, 2024 - 12:34
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Citizenship Amendment Act: CAA के तहत किसे छोड़ना होंगा देश, जानें दस्तावेज से पंजीयन तक की पूरी प्रक्रिया

नई दिल्‍ली (bmp)। CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून देशभर में लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने सोमवार शाम अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही नागरिकता के इंतजार में बैठे शरणार्थियों (refugees) में खुशी का माहौल है। हालांकि, CAA को लेकर कई कड़े नियम भी हैं, जिनके तहत नागरिकता हासिल करने की कोशिश कर रहे लोगों को गौर करने की जरूरत है। सीएए के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए इस तरह के आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।

1. धारा 6बी के तहत नागरिकता के लिए कौन आवेदन नहीं कर सकता है? 

– अगर संबंधित शख्स का भारतीय मूल का है संबंधित व्यक्ति का विवाह भारतीय नागरिक से हुआ हो – भारतीय नागरिक की नाबालिग संतान होने पर

– माता-पिता भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत होने पर – वह व्यक्ति या उसके माता-पिता में से कोई एक स्वतंत्र भारत का नागरिक रहा हो

– संबंधित व्यक्ति भारत के प्रवासी नागरिक कार्डधारक के रूप में पंजीकृत हो 2. आवेदन के साथ कौन से आवश्यक विशेष दस्तावेज लगेंगे? नए नियमों के अनुसार, भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को दो विशेष दस्तावेज जमा करने होंगे। इसके लिए-

– भारतीय नागरिक को आवेदक के चरित्र के बारे में शपथ पत्र से गवाही देनी होगी। 

– आवेदक को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध भाषाओं में से किसी एक का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए।

3. आवेदन फॉर्म 8ए में क्या देनी होगी जानकारी? तीसरी अनुसूची के प्रावधानों के तहत पंजीकरण की योग्यताओं को पूरा करने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन फॉर्म 8ए में दिया जाता है, जिसमें लिखा है कि व्यक्ति को यह घोषणा भी करनी होगी कि उसका आवेदन स्वीकृत होने पर उसके देश की नागरिकता अपरिवर्तनीय रूप से त्याग दी जाएगी।

4. सीएए नियमों के अनुसार क्या है प्रक्रिया ? – धारा 6 बी के तहत पंजीकरण या देशीयकरण के लिए आवेदक द्वारा केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित जिला स्तरीय समिति से अधिकार प्राप्त समिति को प्रस्तुत किया जाएगा।

– नामित अधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति आवेदन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का सत्यापन करेगी।

– नामित अधिकारी आवेदक को नागरिकता अधिनियम, 1955 की दूसरी अनुसूची में मौजूद निष्ठा की शपथ दिलाएगा। फिर शपथ पर हस्ताक्षर करेगा और सत्यापन के संबंध में पुष्टि के साथ अधिकार प्राप्त समिति दस्तावेज को डिजिटल तौर पर प्रेषित करेगा।

-यदि कोई आवेदक हस्ताक्षर करने और निष्ठा की शपथ लेने के लिए व्यक्तिगत तौर से उपस्थित होने में विफल रहता है, तो जिला-स्तरीय समिति ऐसे आवेदन को इनकार पर विचार करने के लिए अधिकार प्राप्त समिति को भेजेगी।

– नियम 11ए में मौजूद अधिकार प्राप्त समिति धारा 6बी के तहत आवेदक द्वारा प्रस्तुत पंजीकरण नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन की जांच कर सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवेदन सभी प्रकार से पूर्ण है और निर्धारित सभी शर्तों को पूरा किया गया है।

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