कंचन खुली खदान में ड्राइवर महासंघ की हुंकार

Oct 30, 2025 - 22:20
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कंचन खुली खदान में ड्राइवर महासंघ की हुंकार

ठेका कंपनियों की मनमानी के खिलाफ 4 नवंबर से जन आंदोलन

समय पर वेतन, भत्ते और सुविधा से वंचित ड्राइवर करेंगे कंचन खदान बंद

ठेका कंपनी पर मजदूरों को गुलाम बनाने का आरोप

उमरिया।  जिले की कंचन खुली खदान में अब खामोशी नहीं, आंदोलन की गूंज सुनाई देने वाली है। वर्षों से ठेका कंपनियों और कालरी प्रबंधन की मनमानी झेल रहे मध्यप्रदेश ड्राइवर महासंघ ने अब निर्णायक संघर्ष का ऐलान कर दिया है। महासंघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार रजक ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है, अब नहीं चलेगी ठेकेदारों की मनमानी, हमारा हक हमें लेकर ही रहेंगे। 4 नवंबर से 5 नवंबर तक कंचन खुली खदान परिसर में महासंघ जन आंदोलन करेगा, जिसमें प्रदेशभर के ड्राइवर अपनी स्टीयरिंग थामकर सडक़ों पर उतरेंगे। चेतावनी दी गई है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं, तो वाहनों के पहिए थम जाएंगे और खदान संचालन ठप हो जाएगा।

कंपनियों की तानाशाही के खिलाफ फूटा गुस्सा 

          ड्राइवर महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बघेल कंपनी, साई कंपनी और एलसीसी कंपनी जैसी ठेका एजेंसियां लंबे समय से ड्राइवरों का शोषण कर रही हैं। महासंघ के कार्यकारी सदस्यों ने कहा मजदूरों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता, ओव्हर टाइम भुगतान टाला जाता है, सुविधाएं और सुरक्षा उपकरणों का अभाव है और ऊपर से ठेकेदारों का रवैया पूरी तरह तानाशाही भरा है। हम मेहनत से खदानें चलाते हैं, कोयला ढोते हैं, लेकिन हमें इंसान नहीं, मशीन समझा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार लिखित ज्ञापन देने के बावजूद कालरी प्रबंधन और ठेकेदार कंपनियां कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। शासन-प्रशासन को स्थिति की जानकारी देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

अबकी बार आंदोलन आर-पार

           महासंघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार रजक ने कहा कि उन्होंने पहले भी साधारण विरोध और ज्ञापन देकर अपनी बात रखी थी, लेकिन जब संवेदनहीन प्रशासन और प्रबंधन को गरीब मजदूर की पुकार सुनाई नहीं देती, तब आंदोलन ही आखिरी रास्ता बचता है। उन्होंने बताया कि 4 नवंबर से 5 नवंबर तक खदान क्षेत्र में शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त जन आंदोलन किया जाएगा। इसकी सूचना एसडीएम और पुलिस प्रशासन को भी दी जा चुकी है। यदि मांगों पर तुरंत अमल नहीं किया गया तो प्रदेशव्यापी हड़ताल की घोषणा की जाएगी। श्री रजक ने कहा हमारी 16 सूत्रीय मांगें महीनों से प्रशासन के पास लंबित हैं। अब हम खाली आश्वासन नहीं लेंगे लिखित आदेश और अमल चाहिए।

रुक सकता है उत्पादन

          कंचन खुली खदान से हर दिन सैकड़ों ट्रक कोयला ढोते हैं। ड्राइवर महासंघ के आंदोलन की स्थिति में कोयला परिवहन पूरी तरह ठप हो सकता है, जिससे कालरी उत्पादन और आपूर्ति दोनों पर असर पड़ेगा। महासंघ ने ऐलान किया कि जब तक ड्राइवरों को उनका हक नहीं मिलेगा, कोई वाहन नहीं चलेगा, महासंघ ने अपनी 16 प्रमुख मांगों के बारे में बताया कि सभी ड्राइवरों को समय पर वेतन भुगतान। ठेकेदार कंपनियों द्वारा भत्तों और ओवरटाइम का बकाया भुगतान। काम के दौरान सुरक्षा उपकरणों और बीमा सुविधा की अनिवार्यता। अनुबंधित कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति। काम के घंटों में पारदर्शिता और ठेकेदारों की मनमानी पर रोक। रोजगार सुरक्षा और अवैध छंटनी पर तत्काल प्रतिबंध। वाहन चालकों के लिए चिकित्सा सुविधा और आपातकालीन सहायता। त्योहार भत्ता, बोनस और अवकाश वेतन का प्रावधान हो, इसके अलावा अन्य मांगें भी इसी स्वरूप में प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में शामिल हैं।

प्रबंधन की चुप्पी बढ़ा रही है तनाव

          कंचन खदान प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं ठेकेदार कंपनियों के प्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए हैं। अंदरखाने की खबर है कि प्रशासन आंदोलन को शांत कराने की कोशिश में जुटा है, लेकिन महासंघ के नेता अब बिना लिखित समाधान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। राजकुमार रजक ने कहा हमारी मेहनत से कोयला निकलता है, उत्पादन चलता है और उद्योग जगमगाते हैं, लेकिन उसी ड्राइवर को जब सम्मान नहीं, अधिकार नहीं, तो आंदोलन स्वाभाविक है। अब हम चुप नहीं रहेंगे, हर ड्राइवर के सम्मान की लड़ाई लड़ी जाएगी। कंचन खुली खदान का यह आंदोलन केवल ड्राइवरों का नहीं, बल्कि मजदूर वर्ग के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई बन चुका है।

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