रेस्क्यू के कुछ ही घण्टे में खूंखार भालू की मौत, रेबीज नामक बीमारी की आशंका
उमरिया। पार्क प्रबन्धन को करींब तीन दिनों से नाक में दम किये खूंखार भालू की अंततः शुक्रवार की देर रात मौत हो गई है, मौत के क्या कारण है, फिलहाल स्पष्ट नही है, पर लक्षण के दृष्टिगत खूंखार भालू रेबीज नामक बीमारी से ग्रसित रहा है, जिस वजह से हाल के दिनों में उसका व्यवहार आक्रामक बना रहा है। इसी आक्रामकता की वजह से ग्राम गुरूवाही की शकुंतला बाई पर हमला कर मौत की नींद सुला दिया था, इसके अलावा महिला को बचाने गए सरपंच सहित क़ई स्थानीय लोगों को गम्भीर रूप से जख्मी भी किया था।
आपको बता दे मृत भालू का शरीर क़ई जगह चोटिल भी रहा है, सूत्रों की माने तो गले मे सूजन, पैर में घाव समेत शरीर के क़ई हिस्सों में जख्म रहे है। पशु विशेषज्ञों की माने तो वन्य प्राणी भालू शर्मीले स्वभाव का होता है, पर गुरूवाही बीट में रेस्क्यू कर कब्जे में लिया गया खूंखार भालू आक्रामक स्वभाव का हो गया था, जिस वजह से प्रथम दृष्ट्या रेबीज नामक बीमारी के लक्षण लक्षित होते है। हालांकि सैंपलिंग ली गई है, रिपोर्ट आने पर मौत के कारण और स्पष्ट हो सकेंगे।
सूत्रों की माने तो रेस्क्यू के बाद ताला कैम्प्स में लाये गए खूंखार भालू का इलाज पशु चिकित्सक डॉ काजल जाधव कर रहे थे।
भालू की मौत के बाद इस मामले में यह भी बड़ा सवाल है कि भालू हमले में घायल लोगों को रेबीज बीमारी से जुड़ा इलाज किया गया है या नही।
दरअसल भालू, कुत्ते, लोमड़ी, सियार समेत कई जानवरों में रेबीज वायरस होने की आशंका होती है, इन परिस्थितियों में संक्रमित जानवरों के काटने से इंसानों में वायरस का प्रसार होने की संभावना बनी रहती है, इंसानों में इसका प्रभाव क़ई सालों या कुछ महीनों में हो सकता है।खूंखार भालू ने रेस्क्यू के दौरान हाथी पर भी हमला किया था, जिसे बाद में एन्टी रेबीज इंजेक्शन दिया गया है।
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