नवरात्र के प्रथम दिन देवी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, दूसरे दिन होगी माँ ब्रम्हाचारणी की आराधना
उमरिया । हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है वैसे तो साल में चार नवरात्रि पर्व आते है लेकिन इनमें से चैत्र माह और शारदेय नवरात्र को प्रमुख माना गया है। चैत्र नवरात्र का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने के साथ नया हिन्दू वर्ष प्रारंभ हो जाता है। इसबार आज 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो गया है नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा श्रद्धालुओं द्वारा की गई। पुराणों के अनुसार मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं। शैल का अर्थ है पत्थर या पहाड़ मां शैलपुत्री की पूजा से व्यक्ति के जीवन में उनके नाम की तरह स्थिरता बनी रहती है।
नवरात्र के प्रथम दिन जिले के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी गई। बिरसिंहपुर पाली में विराजित माँ बिरासनी माता ,उचेहरा में माँ ज्वाला माता, उमरिया में ज्वालामुखी माता, शारदा माता, वैष्णो माता, शाकाम्भरी माता, अन्नपूर्णा माता मंदिर सहित देवी मंदिरों में आज प्रात:काल से श्रद्धालु पहुंच कर पूजा अर्चना की।
श्रद्धालुओं ने नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की। पुराणों में कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना गया है इसलिए नवरात्रि में पहले कलश पूजा की गई। मां शैलपुत्री की कथा का श्रवण करने से व्यक्ति को जीवन में सुख.समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्ञात हो कि भक्ति में लीन श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पूजा की । सुबह से ही माँ ज्वालामुखी मंदिर में जल ढारने पहुंचे श्रद्धालुओं ने जवारे कलश की स्थापना की । चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रम्हाचारणी की पूजा अर्चना की जावेगी।
What's Your Reaction?