पांचवें दिन क्रमिक भूख हड़ताल का हिस्सा बन अधिवक्ताओ ने भी ट्रेन ठहराव में मोहर लगाई

Sep 10, 2022 - 10:45
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पांचवें दिन क्रमिक भूख हड़ताल का हिस्सा बन अधिवक्ताओ ने भी ट्रेन ठहराव में मोहर लगाई

उमरिया।  सुपर फास्ट ट्रेनों को स्टॉपेज देने की बजाय रेलवे ने वर्षों से स्टॉपेज ट्रेनों का ठहराव ही स्थगित कर दिया है, जिससे आमलोगों में गुस्सा और आक्रोश है।सवाल इस बात का है कि क्षेत्र से कोयले उत्पादन और उसके परिवहन से करोड़ों के राजस्व एवम बेशुमार टिकट बुकिंग के बाद आखिर कोविड काल के बाद रेल प्रबंधन ने ऐसा मनमाना फैसला क्यों किया।  इसी मामले से नाराज़ जिले के चंदिया में क्षेत्रीय संघर्ष समिति पिछले पांच दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर है, हर रोज़ यहाँ दर्जन भर लोग क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल होकर अपनी आवाज़ रेल प्रबंधन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे है।  रेल ठहराव को लेकर आंदोलित क्षेत्रीय संघर्ष समिति के आंदोलन का समर्थन पांचवें दिन अधिवक्ता संघ एवम व्यापारी संघ ने भी किया है, इस मौके पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पुष्पराज सिंह एवम व्यापारी संघ के अध्यक्ष राकेश प्रताप सिंह अनशनरत स्थल चंदिया पहुंचकर क्रमिक भूख हड़ताल पर पांचवे दिन बैठे अधिवक्ताओं का हौसला बढ़ाया है।  इस दौरान उन्होंने कहा कि रेल प्रबंधन मनमानी कर रहा है, प्रबंधन को कम से कम कोरोना काल से पूर्व जिन ट्रेनों का ठहराव जिले में हो रहा था, उसे यथावत करने की ज़रूरत है। 

          क्षेत्रीय संघर्ष समिति द्वारा रेल ठहराव को लेकर लगातार पांच दिनों से हो रही क्रमिक भूख हड़ताल में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया।  इस दौरान क्रमिक भूख हड़ताल में एड अजय मिश्र, एड पंकज द्विवेदी, एड मुख्तार खान, एड निर्मल सिंह, एड संदीप मिश्र, एड संजय अग्रवाल, एड चंदन अग्रवाल, एड सोमनाथ साहू, एड दिनेश कुमार तोमर, एड धनन्जय द्विवेदी शामिल रहे, जो 24 घण्टे भूख हड़ताल पर रहेंगे।  एक दिन पहले गुरुवार को नगर पालिका उपाध्यक्ष अनुपम चतुर्वेदी सहित राममिलन अग्रवाल, मुनव्वर अली, राजेश पांडेय, अखिल अग्रवाल, गोविंद यादव, मोती लाल कोरी, हेमंत कुशवाहा, संतोष पाठक, सुरेंद्र मरकरहा, मंगलेश्वर अग्रवाल, जगन लाल, संतोष विश्वकर्मा, गुरुदयाल रजक क्रमिक भूख हड़ताल का हिस्सा रहे है।

          क्षेत्रीय संघर्ष समिति की मांगों से आमजन इतना अभिभूत और सहमत है कि क्रमिक भूख हड़ताल का हिस्सा बनने लोग जमकर आतुर है, कुल मिलाकर रेल ठहराव को लेकर आमजन का जमकर सहयोग मिल रहा है, देखना होगा रेल प्रबंधन कब तक इन मांगों पर अपनी स्वीकारोक्ति देती है।

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