जिंदगी और मौत से जूझ रही बिसरती बैगा की हुई अंततःमौत,न्यायिक हिरासत में है जेल में पति

उमरिया। ज़िन्दगी और मौत से महीने भर से जूझ रही बिसरती बैगा निवासी हड़हा की शनिवार की सुबह अंततः मौत हो गई। घरेलू हिंसा की शिकार आदिवासी बिसरती बैगा की दर्दनाक मौत उन महिलाओं के लिए सबक है, जो आज भी घरेलू हिंसा की शिकार है और इसके विरुद्ध कानून की बिना मदद लिए अपनी ज़बान बंद रखी है। मृतिका बिसरती बैगा भी अगर समय पर पति के विरुद्ध पुलिस की मदद लेती तो शायद इस दर्दनाक मौत से बच जाती। शोषण और अत्याचार के विरुद्ध कदम उठाना या कानूनी मदद लेना हर व्यक्ति का अधिकार है, घरेलू हिंसा का शिकार बिसरती बैगा को भी समय रहते निर्दयी पति के विरुद्ध पुलिस से शिकायत कर कानूनी मदद लेनी चाहिए थी।
आपको बता दे महीने भर पहले 24 मार्च को नोरोजाबाद थाना अंतर्गत ग्राम हड़हा निवासी मृत बिसरती बैगा को उसका पति बिन्नू बैगा सुबह से ही मारपीट कर रहा था, पति प्रताड़ना से जख्मी हुए बिसरती इस घटना से घर मे ही ज़ोर ज़ोर से रो रही थी, पर किसी गांव वालों ने बीच बचाव नही किया, बाद में दोपहर को निर्दयी पति ने गम्भीर रूप से घायल पत्नी को आग के हवाले कर दिया था।
इस हादसे में बिसरती बैगा 75 से 80 फीसदी झुलस गई थी, बाद में गांव वाले आगे आये और 108 की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाए, इस बीच उसका इलाज जिला अस्पताल के बर्न यूनिट में इलाज किया जा रहा था, परन्तु महीने भर बाद ज़िन्दगी और मौत से जूझ रही बिसरती बैगा ने शनिवार की सुबह अंतिम सांस ली।
बिसरती बैगा की मौत से उसके बड़े बेटे रमेश बैगा, छोटा बेटा दानी सिंह एवम एकलौती बेटी अंतरा बैगा गहरे सदमे में है। दरअसल इस घटना को अंजाम देने वाला इनका पिता बिन्नू सिंह जेल में है, जिस पर पत्नी की मौत के बाद अब हत्या के भी चार्ज लग सकते है, वही माँ बिसरती बैगा की दुखद मौत हो गई, कुल मिलाकर पिता के होने के बाद भी सभी बेटे आज यतीम हो गए, जो दुखद है।
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