60 हजार की रिश्वत लेते PHE की महिला सहायक यंत्री को लोकायुक्त ने धर दबोचा, पढ़िए पूरा मामला...
उज्जैन। बड़ी खबर मध्यप्रदेश की उज्जैन जिले से सामने आई है जहां PHE विभाग मैं पदस्थ सहायक यंत्री के द्वारा बिल भुगतान करने की एवज में ठेकेदार से मांगी गई 60 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया कि ठेकेदार से 60 हजार की रिश्वत लेने के बाद जैसे ही रुपए अपने टेबल की दराज में रखा उसके तुरंत बाद लोकायुक्त की टीम वहां पहुंच गई और सहायक यंत्री को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल मध्य प्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा रिश्वत लेने की परंपरा इस कदर हावी है कि उन्हें बगैर रिश्वत लिए कोई भी काम करना आता ही नहीं है। यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ है उज्जैन के पीएचई विभाग की सहायक यंत्र निधि मिश्रा के द्वारा नल जल योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण करने वाले ठेकेदार से उसके बिल भुगतान करने के बदले रिश्वत मांगी गई थी।
बताया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पानी टंकियां का निर्माण करने वाले ठेकेदार अक्षय पाटीदार सिविल इंजीनियर है जो मानश्री के नाम से ठेकेदारी करते हैं। सन 2020 में ठेकेदार पाटीदार के द्वारा घटिया ब्लॉक कुछ गांव में पानी की टंकियां का निर्माण किया गया था। हालांकि यह काम ठेकेदार के द्वारा कुछ विलंब से किया गया लेकिन इसकी एक वजह और सामने आई कि इस दौरान देश में कोरोना कल का समय रहा है इस कारण से भी विलंब की एक वजह बताई गई है।
इस वजह से ठेकेदार कि कुल निर्माण राशि 80 लख रुपए भुगतान करने के दौरान उसके 10 लख रुपए रोक लिए गए थे। इसके बाद वह लगातार 3 सालों से अपने शेष भुगतान 10 लख रुपए के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहा था इस बीच कार्यालय में पदस्थ सहायक यंत्री निधि मिश्रा के द्वारा उसके शेष भुगतान के बदले 60000 की रिश्वत मांगी गई थी जिसमें 50 हजार अधीक्षक यांत्रिक के नाम और 10 हजार अपने लिए रिश्वत मांगी गई थी। *जिससे परेशान होकर ठेकेदार पाटीदार ने इस पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त से कर दी शिकायत सत्यापन के बाद लोकायुक्त ने रिश्वतखोर अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया और आज बुधवार को जैसे ही रिश्वत की राशि ₹60000 सहायक यंत्री निधि मिश्रा को उसके कार्यालय पर दी गई उसके बाद लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई कर दी जिसमें रिश्वत की राशि सहित आरोपी सहायक यंत्री को लोकायुक्त ने गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की गई है।
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