छोटे विवाद अब ग्रामसभा में ही शार्टआउट होंगे - IPS डॉ गुरकरन सिंह
पेसा एक्ट के प्रति जनजातीय समुदाय को किया गया जागरूक
पथरोटा में कार्यशाला आयोजित
नर्मदापुरम/होशंगाबाद। पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के प्रति जनजातीय समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से शुक्रवार को पुलिस विभाग नर्मदापुरम द्वारा ग्राम पंचायत पथरोटा में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला पुलिस अधिक्षक डॉ गुरकरण सिंह, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत, एडिशनल एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने भी जनजातीय वर्ग को पैसा एक्ट के प्रति जागरूक किया।
इस अवसर पर एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान, थाना प्रभारी राम सनेही चौहान सहित बड़ी संख्या में जनजातिय समुदाय उपस्थित रहा। कलेक्टर एवं एसपी ने जनजातीय समुदाय के साथ सहभोज किया।
अब ग्रामसभा में सुलझेंगे आपसी विवाद, मिला अधिकार
पुलिस कप्तान डॉ सिंह ने कार्यशाला में बताया कि पैसा एक्ट से मिले अधिकारों के तहत अब छोटे छोटे आपसी विवादों को सुलझाने का अधिकार ग्राम सभा का होगा। एक तिहाई महिला सदस्यों के साथ गठित शांति एवं विवाद निवारण समिति परम्परागत तरीके से विवाद निपटारा करने में सक्षम होगी। गंभीर प्रकृति के अपराधो में एफआईआर पर सूचना ग्रामसभा को दी जाएगी। जनजाति क्षेत्रों में केवल लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे। उसकी जानकारी उन्हें ग्रामसभा को देना होगी। साहूकार द्वारा मनमानी सूदखोरी नहीं चलेगी और अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा। संबंधित सूदखोरों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
राजस्व रिकार्ड में गड़बड़ी, भू अर्जन, खनिज, पट्टा एवं नीलामी सहित गांव से पलायन मजदूरों का शोषण रोकने का अधिकार ग्रामसभा को होगा
कलेक्टर श्री एन के सिंह ने बताया कि पैसा अधिनियम ने तहत राजस्व रिकार्ड में होने वाली त्रुटियों के सुधार की अनुशंसा का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा। भू-अर्जन, खनिज सर्वे, पट्टा और नीलामी के लिए भी ग्रामसभा की सहमति और अनुशंसा जरूरी होगी। ग्राम सभा को तालाबों के प्रबंधन, तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विपणन, आपसी छोटे विवादों के निराकरण के संबंध में प्राप्त अधिकारों की जानकारी दी।
यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी। जिनकी जानकारी रजिस्टर में संधारित की जाएगी। गांव से पलायन और मजदूरों के शोषण को रोकने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास होगा। मनरेगा के माध्यम से कब और कौन सा कार्य कराया जाना है यह सब ग्राम सभा ही प्रस्ताव बनाएगी।
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