एकता की मिसाल, हिंदू मुस्लिम एकता मंच ने गणेश विसर्जन को जा रही प्रतिमाओं पर बरसाए फूल

उमरिया। जिला मुख्यालय उमरिया में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जब हिंदू मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने गणेश विसर्जन को जा रही प्रतिमाओं पर पुष्पवर्षा कर साम्प्रदायिक एकता और भाईचारे का अनुपम संदेश दिया। यह दृश्य केवल श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गया। मंच की इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की असली पहचान उसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब और विभिन्न धर्मों के बीच आपसी सद्भाव में छिपी है।
गणेश चतुर्थी का पर्व दस दिनों की भक्ति और आस्था के साथ मनाया जाता है। विसर्जन के दिन जब शहर की गलियों से होकर गणपति बप्पा की झांकियां और प्रतिमाएं ढोल-नगाड़ों के साथ निकल रही थीं, उसी समय हिंदू मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ता श्रद्धालुओं पर फूल बरसाते नजर आए। इस अवसर पर मंच के संस्थापक मो. असलम शेर और संयोजक राजेंद्र कोल सहित मंच से जुड़े लोग मौजूद रहे।
आपसी सौहार्द की अद्भुत झलक
कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने भी मुस्लिम समाज के भाइयों को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह की पहल से समाज में प्यार, अपनापन और भाईचारा और गहरा होता है। फूलों की वर्षा से गूंजते जयकारों और नारों ने पूरे वातावरण को भक्ति और सौहार्द से भर दिया। छोटे-बड़े, महिलाएं-बच्चे सभी इस दृश्य को देखकर अभिभूत हो उठे।
हिंदू मुस्लिम एकता मंच के संस्थापक मो. असलम शेर ने इस अवसर पर कहा हमारा मंच सदैव एकता और भाईचारे की राह पर चलता आया है। आज जब हम गणेश विसर्जन पर फूल बरसाते हैं, तो यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि यह हमारे दिलों की सच्चाई है। हिंदू और मुस्लिम दोनों समाज एक ही धागे के मोती हैं। जब तक यह धागा मजबूत रहेगा, तब तक हमारा देश और समाज भी मजबूत रहेगा। हमें आपसी सौहार्द बनाए रखना है, तभी सच्चे मायनों में समाज प्रगति करेगा।
मंच के संयोजक राजेंद्र कोल ने अपने संबोधन में कहा हिंदू मुस्लिम एकता मंच का उद्देश्य केवल धार्मिक अवसरों पर ही नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ देना है। गणेश विसर्जन पर फूल बरसाना भाईचारे और सम्मान की मिसाल है। हमें बच्चों और युवाओं को यह संदेश देना होगा कि धर्म का असली मकसद इंसानियत है। आज का यह आयोजन समाज में नई सोच और सकारात्मक वातावरण पैदा करेगा।*
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