किसानों को मिलीं आधुनिक कृषि मशीनों की सौगात

एचडीएफसी बैंक परिवर्तन एवं CARD की पहल से ग्रामीण विकास को मिली नई दिशा
उमरिया। ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसान हैं। जब उन्हें आधुनिक संसाधनों से जोड़ा जाता है, तो न केवल उनकी आय बढ़ती है, बल्कि पूरे गाँव की तस्वीर बदल जाती है। इसी सोच के साथ केंद्रित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (P1067) के अंतर्गत उमरिया जिले के मानपुर ब्लॉक में नई पहल शुरू की है।
एचडीएफसी बैंक परिवर्तन सीएसआर के सहयोग और सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (CARD) के क्रियान्वयन से एग्रीटूल बैंक ( कस्टम हायरिंग सेंटर) गतिविधि के अंतर्गत अब तक चार गांव — करौदीटोला, उरदना, मड़ाऊ और हिरौली — के किसान समूहों को आधुनिक कृषि उपकरणों का सेट सौंपा गया। सितंबर माह में लखनौटी, मल्हारा, मराईकला और मजखेता के समूहों को मशीनें दी जाएँगी। आने वाले समय में कुल 13 किसान समूहों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अभी हर समूह को 9-9 कृषि यंत्र दिए गए हैं जिनमें पावर टिलर-कम-वीडर, मल्टी-क्रॉप रीपर और अन्य आधुनिक उपकरण शामिल हैं। इन मशीनों से खेती की परंपरागत पद्धतियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा।
ब्लाक मानपुर के खेतों में कभी जुताई और कटाई पूरी तरह बैलों और मानव श्रम पर निर्भर थी। मेहनत अधिक थी और उत्पादन सीमित। अब यही खेत आधुनिक मशीनों से संवर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इन मशीनों से उनकी मेहनत कम होगी, समय बचेगा और पैदावार बढ़ेगी।
इस पहल की प्रमुख विशेषताएँ :-
- उत्पादकता में वृद्धि – कम श्रम और समय में अधिक पैदावार संभव।
- सामुदायिक लाभ – गाँव की समितियों द्वारा छोटे और सीमांत किसानों तक उपकरण पहुँचेंगे।
- आर्थिक अवसर – मशीनों को किराये पर देकर किसान समूह अतिरिक्त आय अर्जित करेंगे।
- आत्मनिर्भरता – बाहरी संसाधनों पर निर्भरता घटाकर गाँव अपनी क्षमता पर मजबूत होंगे। यह पहल केवल कृषि उपकरण वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों की सोच और दृष्टिकोण को भी बदल रही है। अब किसान शारीरिक श्रम के साथ-साथ तकनीक, प्रबंधन और सामुदायिक सहयोग के सहारे आगे बढ़ रहे हैं।
उमरिया शाखा एचडीएफसी बैंक बिज़नेस टीम के मैनेजर, पंकज तिवारी ने बताया, ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक और संसाधनों की कमी के कारण किसानों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस पहल से किसानों को आधुनिक उपकरण मिल रहे हैं, जिससे उनकी पैदावार बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से अधिक मज़बूत बनेंगे।
प्रोजेक्ट मैनेजर शिवेन्द्र सिंह ने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल मशीनें उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि किसानों को तकनीक और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। मानपुर ब्लॉक की यह पहल आने वाले समय में अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मॉडल बनेगी।
विषय विशेषज्ञ, प्रेम चंद्र पाल ने बताया कि यह पहल केवल मशीन वितरण तक सीमित नहीं है। यह गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने, किसानों को तकनीक से जोड़ने और ग्रामीण युवाओं को खेती से जोड़ने का प्रयास है। मानपुर की यह सफलता आने वाले समय में पूरे जिले और प्रदेश में ग्रामीण सशक्तिकरण का मॉडल बन सकती है।
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