उपार्जन केंद्रों में लगा धान का अंबार, परिवहन न होने से हो परेशानी
बदलते मौसम में बड़े नुकसान की आशंका
उमरिया। शासन द्वारा किसानों से धान की खरीद की जा रही है और उपार्जन केंद्रों पर बड़ी मात्रा में धान जमा है। किन्तु परिवहन कार्य में विभाग द्वारा ढिलाई बरती जा रही है, जिसके चलते समय से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है। इससे उपार्जन केंद्रों में स्थान की कमी होने से किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है वहीं बदलते मौसम के चलते नुकसान की संभावना से नकारा नहीं जा सकता।
जिले में 42 उपार्जन केंद बनाये गए है और जिन केंद्रों में खरीदी खुले में हो रही है वहाँ हजारो टन धान खुले में रखे हुए हैं। जहाँ वेयर हाउस में खरीदी केंद बने है वे तो सुरक्षित है लेकिन दर्जनों ऐसे केंद्र है जहाँ सब से ज्यादा परेशानी हो रही है। सलैया-5 में तो अब तक एक भी बोरी परिवहन नही हुआ है जिससे किसान और प्रबंधक दोनों परेशान हैं। कोयलारी, पथराहठा, पड़वार, इंदवार, पिण्डरा, कौड़िया, अखडार, नरवार, करकेली, घुलघुली, छाढाकला, घुनघुटी, मालाचुआ, कछरा टोला, परासी, सिगुड़ी, छपड़ोर, पनपथा, पडखुरी, भरेवा, बल्हौड़, नौगवां में भारी मात्रा में किसानों से खरीदी गई धान जमा है। अनुमानित हजारों किवंटल धान यहां स्टाक में रखी हुई है। जिससे पूरा प्रांगण भर चुका है अन्य किसानों से धान खरीदी करने में केंद्र संचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समय से केंद्र से धान का उठाव नहीं होने से समस्या हो रही है, वहीं विभाग परिवहन को लेकर गंभीर नहीं है और परिवहनकर्ता ठेकेदार मनमानी कर रहे है।
गौरतलब है कि प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है वहीं आगामी दिनों में प्रदेश भर में वर्षा का अनुमान मौसम विभाग द्वारा बताया जा रहा है। किन्तु इसके बाद भी जिले में नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही है। उपार्जन केंद्रों के पास धान को बरसात से बचाने के लिए सीमित साधन उपलब्ध है। अधिकांश केंद्र पर खुले मैदानों और जमीन पर धान का संग्रहण किया गया है जहां बरसात की स्थिति में जमीन में बरसात के पानी से इसे बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। शासन के द्वारा करोड़ों रुपयों की धान खरीदी जा रही है जिसको समय से परिवहन कर के ही सुरक्षित किया जा सकता है। किन्तु परिवहन ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा हैं..! बताया जा रहा है और केंद्रों से धान का समय से उठाव नहीं हो रहा है। यदि मौसम अचानक बदलता है तो जिले के उपार्जन केंद्रों पर बड़ी मात्रा में संग्रहीत धान खराब हो सकती है।
मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट की ध्यान में रखते हुए जिले के केंद्रों पर रखी धान को समय से उठाव करवा कर गोदाम और कैब तक पहुंचाया जाना जरूरी है, जिसको लेकर विभाग की कार्यप्रणाली लापरवाह दिखाई दे रही है वहीं केंद्रों पर साधनों की कमी बताई जा रही है। वही मिलर से अनुबंध में देरी का कारण भी माना जा रहा है और बताया गया कि खरीदी शुरू हुए महीने भर होने वाले है लेकिन अब तक किसी राइस मिल में धान का न पहुँचना भी धीमे परिवहन का कारण माना जा रहा है और परिवहन के ठेकेदार के पास ट्रको की कमी का कारण भी माना जा रहा है..!कारण कोई भी हो प्रशासन इस ओर भी ध्यान दे अगर मौसम का मिजाज बदला तो करोड़ो की धान को बर्बाद होने में देर न लगेगी इसलिए परिवहन ठेकेदार पर प्रशासन दबाव बनाये और धान को वेयर हाउस में सुरक्षित रखवाये जिससे अन्न के साथ साथ अन्नदाता भी सुरक्षित रहे।
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