बिजली विभाग द्वारा आदिवासियों को जबरन स्मार्ट मीटर थोपे जाने पर आदिवासी जनता कर रही विरोध

Nov 8, 2024 - 23:19
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बिजली विभाग द्वारा आदिवासियों को जबरन स्मार्ट मीटर थोपे जाने पर आदिवासी जनता कर रही विरोध

स्मार्ट मीटर से आदिवासी जनता की बढ़ी मुश्किलें, बिजली विभाग की नई योजना पर उठे सवाल

उमरिया।  जिले के आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली गरीब जनता के लिए हाल ही में एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है, बिजली विभाग उमरिया की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जाने की योजना के चलते शहर व ग्रामीण और आदिवासी समुदायों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। स्मार्ट मीटर की वजह से बढ़ते बिजली बिलों, तकनीकी समस्याओं और इसके बोझ से परेशान आदिवासी जनता अपनी आवाज बुलंद कर रही है। यह जानते हैं कि इस योजना ने आदिवासी जनता को किस प्रकार प्रभावित किया है और क्यों यह योजना उनके जीवन में नई समस्याओं का कारण बन रही है।

बढ़ते बिजली बिल, गरीब आदिवासियों पर बढ़ता बोझ

          स्मार्ट मीटर लगने के बाद से कई शहरों, गाँवों में बिजली के बिलों में अचानक इजाफा देखा गया है। आदिवासी परिवार, जो पहले से ही गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, इन बढ़े हुए बिजली बिलों को चुकाने में असमर्थ हैं। इससे परिवारों पर आर्थिक दबाव और तनाव बढ़ा है, जो कि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी कठिनाई पैदा कर रहा है।

स्मार्ट मीटर में पारदर्शिता की कमी से बढ़ी जनता की नाराजगी

          स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी ग्रामीण एवं शहर की जनता के लिए बिजली बिलों का सिस्टम पारदर्शी नहीं हो पाया है। बिलों में अचानक वृद्धि और उसकी कोई स्पष्ट जानकारी न मिलने से लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। आदिवासियों का कहना है कि वे इस तरह की नई तकनीकी व्यवस्था से लाभ की बजाय केवल परेशानी ही झेल रहे हैं। इससे बेहतर यह होगा कि यह स्मार्ट मीटर हमारे घरों में न ही लगाया जाए।बिना सूचना के जबरन स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन का विरोध कई गाँवों शहरों में स्मार्ट मीटर बिना किसी पूर्व सूचना या चर्चा के लगाए गए हैं। जनता का कहना है कि उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में न तो कोई जानकारी दी गई और न ही उनसे उनकी राय पूछी गई। इस वजह से लोग नाराज हैं और वे इस पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। आदिवासी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर का विरोध किया जा रहा है।

          आदिवासियों का कहना है कि वे पहले से ही आर्थिक तंगी में हैं और अब इस तरह की योजनाओं से उनके ऊपर नया बोझ डाला जा रहा है। वे स्मार्ट मीटर योजना को तत्काल रोकने की मांग कर रहे हैं।

जनता की आवाज स्मार्ट मीटर हटाने की माँग

          ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में रहने वाली जनता ने इस मुद्दे को लेकर अपनी आवाज उठाई है। वे बिजली विभाग से अपील कर रहे हैं कि स्मार्ट मीटर को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए।

स्मार्ट मीटर परियोजना पर पुनर्विचार की जरूरत है

          इस पूरी स्थिति को देखते हुए, यह जरूरी हो गया है कि स्मार्ट मीटर योजना पर पुनर्विचार किया जाए और गरीब आम जनता एवं आदिवासी जनता की समस्याओं का हल निकाला जाए। इससे यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से जनता तक पहुँचे और उनकी स्थिति में सुधार हो।

          जिला एनएसयूआई अध्यक्ष मोहम्मद असलम शेर ने कहा उमरिया शहर में जबरन लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया है। असलम शेर ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए आम जनता पर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि इन स्मार्ट मीटरों की रीडिंग में गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही हैं, जिससे लोगों के बिजली बिल में अनावश्यक वृद्धि हो रही है। स्मार्ट मीटर लगाने से पहले आम जनता की सहमति ली जाए और सही जानकारी दी जाए। साथ ही, उन्होंने बिजली विभाग से मांग की कि जो लोग स्मार्ट मीटर नहीं लगवाना चाहते, उनके घर में स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाए।

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