टेस्टिंग के पहले ही पानी टंकी में दरार, मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग का कारनामा

Jun 25, 2024 - 23:10
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टेस्टिंग के पहले ही पानी टंकी में दरार,  मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग का कारनामा

ग्राम कोयलारी मे 74 लाख 98000 के लागत से तैयार टंकी ओमकार्याकंस्ट्क्सन के लापरवाही के कारण हुई पानी टंकी लीकेज

इंजीनियर झड़ रहे अपना पल्ला कोई जिम्मेदार नहीं आ रहा सामने अधिकारी मौन

उमरिया। जिले का इस समय हाल बेहाल है जहां अधिकारियों के कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं वही ऐसा ही एक मामला ग्राम कोयलारी से है जहां पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग का कारनामा सामने आया है ग्राम कोयलारी में 74 लाख 98 हजार की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया गया लेकिन टेस्टिंग के पहले ही पानी टंकी लीकेज करने लगी। ग्रामीण जनों ने बताया की खराब मटेरियल के चलते यह पानी टंकी लीकेज हो रही है अभी गांव में कनेक्शन तक नहीं मिल पाए हैं लोगों को और उससे पहले ही यह हाल है जब इस बारे में इंजीनियर शुभम मरावी से बात की गई तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा इस टंकी का निर्माण नहीं कराया गया है और ना ही मैं इंजीनियर था।

टेस्टिंग के पहले की पानी टंकी में दरार

          मध्य प्रदेश शासन द्वारा लगातार बहुत सारी योजनाएं संचालित की जाती हैं जिसमें प्रमुख्ता से नल जल योजना शामिल है जिसमें गांव गांव तक नल के माध्यम से पानी पहुंचाना हर घर तक निश्चित किया गया है जिसमें एक स्लोगन है *नल जल से वंचित न रहेगा अब कोई घर परिवार जल जीवन मिशन पहुंचाएगा नल से जल सबके द्वारा* का स्लोगन देने वाला मध्य प्रदेश शासन लो.स्वा.यां. विभाग भले ही बड़े-बड़े दावे कर ले लेकिन हकीकत जमीन पर क्या है यह किसी से छुपा नहीं जहां उमरिया जिले के कोयलारी ग्राम में 74 लाख 98000 की लागत से बन पानी टंकी टेस्टिंग में ही लीकेज होने लगा जो कि अपने आप में एक बड़ा सवाल है।  क्या ऐसी पानी की टंकी कितने साल चल पाएगी यह सोचने का विषय है। इस मामले में जब हमने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करनी चाहिए तो उनके द्वारा फोन ही नहीं उठाया गया

इंजीनियर झाड़ रहे अपना पल्ला, जिम्मेदार अधिकारी मौन

          जब इस मामले में हमने ऑफिस पहुंचकर इंजीनियर शुभम मरावी से बात करनी चाहिए तो इनका कहना था कि हमारे द्वारा कार्य नहीं कराया गया और यह गांव हमारे फील्ड में नहीं आता है इसलिए हम इस पर कुछ नहीं कह सकते।

इनका कहना है-

          जब हमने इस मामले को लेकर इंजीनियरों से बात करनी चाहिए तो बड़े मुश्किल से अजय शर्मा ने हमें बताया की ऐसी छोटी-मोटी गड़बड़ियां होती रहती हैं इसीलिए टेस्टिंग कराई जाती है हम इसको दिखा लेंगे जब हमारे पत्रकार साथियों ने इनसे पूछा कि क्या खराब मटेरियल के कारण टंकी में दरार आई है जो गुणवत्ता विहीन है इस पर अजय शर्मा ने कहा ऐसा नहीं है कभी-कभी ऐसा हो जाता है।

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