एनएसयूआई ने की मांग महाविद्यालय में डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के स्थापना की

Jan 24, 2025 - 22:35
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एनएसयूआई ने की मांग महाविद्यालय में डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के स्थापना की

उमरिया। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष मो. असलम शेर के नेतृत्व में शासकीय रणविजय प्रताप सिंह महाविद्यालय उमरिया में डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा गया। जिले की अग्रणी महाविद्यालय होते हुए भी महाविद्यालय परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा नहीं है। इसलिए ज्ञापन महाविद्यालय प्राचार्य को प्रस्तुत किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और एनएसयूआई उमरिया के कार्यकर्ताओं ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया। डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में माना जाता है, की प्रतिमा स्थापित करने का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरित करना है।

          एनएसयूआई का कहना है कि महाविद्यालय परिसर में उनकी प्रतिमा से छात्रों में सामाजिक समरसता और समानता के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

महाविद्यालय परिसर में अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापित करने की मांग

          ज्ञापन सौंपने के दौरान एनएसयूआई जिला अध्यक्ष मो. असलम शेर ने कहा कि महाविद्यालय में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे छात्रों को उनके संघर्ष और उपलब्धियों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के लिए जीवनभर संघर्ष किया, और उनकी प्रतिमा महाविद्यालय परिसर में उनकी विचारधारा को जीवंत रखने का कार्य करेगी। जिला अध्यक्ष ने कहा, डॉ. अंबेडकर केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक विचार हैं। उनके विचारों से प्रेरित होकर युवा वर्ग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो सकता है। महाविद्यालय में उनकी प्रतिमा स्थापित करना हमारे देश के युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करने का काम करेगा।

          कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से उपस्थित एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष कृष्णकांत तिवारी, शासकीय रणविजय प्रताप सिंह महाविद्यालय अध्यक्ष ओम तिवारी, प्रतिज्ञा सोनी, तनुश्री तोमर, सुभद्रा सिंह, कॉलेज सचिव तनवीर खान, अनुराग चतुर्वेदी दीपांशु गुप्ता, संदीप महार, विपिन सिंह, सोमचंद्र महार, अजीत, आकाश द्विवेदी, शुभम, अनुज कोल, आकाश प्रजापति, कपिल महार, भूपेंद्र सिंह, आशीष कुमार बैगा,जय प्रकाश यादव,अजीत प्रजापति, सुभाष यादव बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता और महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. अंबेडकर की विचारधारा को अपनाने और उनके योगदान को सम्मानित करने की आवश्यकता पर बल दिया। यह कदम ना केवल महाविद्यालय में शिक्षा और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देगा, बल्कि छात्रों को संविधान निर्माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर भी देगा।

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