भारतीय काजू अनुसंधान संस्थान, पुत्तूर (कर्नाटक) के रजत जयंती भवन का उद्घाटन संपन्न

Apr 1, 2022 - 20:29
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भारतीय काजू अनुसंधान संस्थान, पुत्तूर (कर्नाटक) के रजत जयंती भवन का उद्घाटन संपन्न

दिल्ली।  कृषि भवन नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय काजू अनुसंधान संस्थान, पुत्तूर (कर्नाटक) के रजत जयंती भवन का उद्घाटन किया गया।

          देश में काजू लगभग सवा 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है, जिसका वार्षिक उत्पादन साढ़े 7 लाख टन है। देश में काजू का रकबा दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है। भारत दुनिया में कच्चे काजू उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में काजू की खपत देश में दिनों-दिन बढ़ रही है तो उत्पादन और खपत के बीच की गैप भरना लक्ष्य होना चाहिए। काजू का आयात घटाकर निर्यातक बनने पर योजनाबद्ध काम किया जाना चाहिए।
          प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत व न्यू इंडिया की बात कही है। नए व पुराने भारत में यहीं अंतर है कि पहले बहुत-से क्षेत्रों में हमारी निर्भरता दुनिया पर थी लेकिन न्यू इंडिया में हम हर मामले में आत्मनिर्भर हो, इसी लक्ष्य को लेकर हम सब लोगों को मिलकर काम करने की जरूरत है। कृषि के क्षेत्र में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) तथा उसके सभी संगठन महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। हमारे कृषि वैज्ञानिक फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने में लगे हुए हैं, जिसका सद्परिणाम भी देश के सामने निरंतर आता रहता है। 
          काजू की खेती के तहत अधिक क्षेत्र लाकर उत्पादन बढ़ाना व उत्पादकता में वृद्धि करना आवश्यक है। क्षेत्र विस्तार के लिए सभी संभावित उपयुक्त क्षेत्र का पता लगाया जाना चाहिए। मुझे प्रसन्नता है कि भारतीय काजू अनुसंधान संस्थान ने काजू की 26 किस्में जारी की हैं तथा कृषकों के ज्ञान, प्रौद्योगिकियों के तेजी से प्रसार हेतु ऑनलाइन सॉफ्टवेयर व मोबाइल एप "काजू इंडिया" विकसित किया गया है। काजू प्रसंस्करण क्षेत्र कृषि में ज्यादा रोजगार पैदा करता है, जिनमें 95 प्र.श. से अधिक महिलाएं हैं, वहीं काजू प्रसंस्करण कारखाने 15 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। 
          संस्थान का नया रजत जयंती भवन नए आयाम के रूप में जुड़ा है। इसके माध्यम से काजू की खेती व शोध को आगे बढ़ाने में सहूलियत होगी और इसका फायदा हमारे किसानों को मिलेगा। आईसीआर ने टेक्नालाजी को बढ़ावा देते हुए अपने कामकाज से किसानों को जोड़ा है, जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है, आगे भी ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलेगा। भारतीय काजू अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों से मेरा आग्रह है कि किसानों की हर बातों का शीघ्रता से समाधान हो। भारत सरकार कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, इस दृष्टि से अपनी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आय सहायता देने से लेकर फसल बीमा सुविधा, अधोसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड, किसानों के दस हजार नए एफपीओ बनाने, हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने जैसे काम करते हुए किसानों के साथ कंधे से कंधा व कदम से कदम मिलाकर काम कर रही है।

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