चालू शिक्षण सत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता एवं शालाओ की मानीटरिंग प्रमुखता से की जाएगी - कलेक्टर
उमरिया । नया शिक्षण सत्र 18 जून से प्रारंभ हो रहा है। स्कूलों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति, शाला त्यागी बच्चों को स्कूलों में दाखिला तथा शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार पाठ्यक्रम पूरा कराकर शैक्षणिक गुणवत्ता महत्वपूर्ण पहलू रहेगा। प्रशिक्षण के माध्यम से जिला प्रशासन व्दारा शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने हेतु कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है, उसका सभी शिक्षकों को अक्षरशः पालन करना है । यह निर्देश कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने आर सी स्कूल उमरिया में आयोजित शैक्षणिक गुणवत्ता पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को दिए ।
कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी एम एस गौर, सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग अखिलेश पाण्डेय, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान सुशील मिश्रा , एपीसी , बीईओ, बीआरसी , बीएसी , जन शिक्षक , प्राचार्य उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने कहा कि 18 जून को प्रवेश उत्सव का आयोजन किया जाना है जिसकी पूर्व से तैयारी कर लें। स्कूल की साफ-सफाई शौचालय की स्थिति, एसएमसी की बैठक आयोजित करें, अधिकतम अभिभावकों को आमंत्रित करें। ड्राप-आउट बच्चों को चिन्हांकित कर उन्हें पुनः शाला में प्रवेश कराये।स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शाला में आमंत्रित करे। 19 जून को प्रत्येक बच्चों को पाठ्यपुस्तक उपलब्ध करा दे। अभिभावको को शैक्षणिक कैलेण्डर व गतिविधियों से अवगत करा दे। इस वर्ष राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे का आयोजन होगा, जो कक्षा 3, 6 और 9 के लिये है। इसकी तैयारी सत्र प्रारम्भ से ही करें। अभ्यास प्रश्न आपको दिये जायेंगे, इन कक्षाओं के लिये प्रति शनिवार बालसभा में प्रश्नोत्तरी (क्विज) का आयोजन करे। सीएसी, बीएसी तथा बीआरसी एवं संकुल प्राचार्य इसकी सतत मॉनीटरिंग करें।
सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि बाल सभा की रिपोटिंग के लिये गूगलशीट तैयार की गई है, उसके माध्यम से भी मॉनीटरिंग की जावेगी। शिक्षक समय पर शाला में उपस्थित हों, नियत टाइम-टेबल के अनुसार अध्यापन करे। इसके लिये प्रधानाध्यापक प्रतिदिन प्रातः 10.40 तक शिक्षको की उपस्थिति, अनुपस्थिति गूगलशीट में प्रतिदिन भरेंगे। सभी संकुल प्राचार्य, बीआरसी सुनिश्चित करेंगे कि जानकारी समय पर प्रतिदिन उपलब्ध हो जाय। शाला में बच्चों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाय। प्रति सप्ताह अनुपस्थित छात्रों की समीक्षा की जावेगी। अनुपस्थित छात्रों से गृह सम्पर्क कार्यक्रम चलाये, फील्ड के अधिकारी द्वारा भी इसकी मॉनीटरिंग की जायेगी। प्रत्येक जनशिक्षा केन्द्र में प्रतिमाह समीक्षा की जायेगी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एम एस गौर तथा डीपीसी सुशील मिश्रा ने भी मार्गदर्शन प्रदान किया।
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