तीन वर्षों में MP में 70 बाघों की मौत, महज़ 11 मौतें प्राकृतिक
दूसरा तथ्य यह भी है कि प्रदेश में लगातार बाघों की मौत हो रही है। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में लगातार बाघों की मौत की खबरें आती रहती हैं। वर्ष 2014 से लेकर 2018 तक प्रदेश में कुल 115 बाघ और 209 तेंदुओं की मौत हुई थी।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघ पाए जाते हैं। राज्य में कुल सर्वाधिक 526 टाइगर हैं। जिसमें बांधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या के मामले में सबसे समृद्ध माने जाते हैं। कान्हा रिजर्व में 118 जबकि बांधवगढ़ 57 बाघ हैं। टाइगर स्टेट के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है। बीते वर्ष मध्य प्रदेश में कुल 25 बाघों की मौत हुई। जबकि पिछले तीन वर्षों के दौरान मध्य प्रदेश में बाघों की मौतों का कुल आंकड़ा 70 है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने प्रदेश में बाघों की मौतों के संबंधित सवाल पूछा था। जिसके जवाब में यह आंकड़ा सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन मौतों में सिर्फ 11 मौतें ही प्राकृतिक कारणों से हुई। 2020 में मध्य प्रदेश में 19 बाघों की मौत हुई। 2021 में 26 जबकि 2022 में प्रदेश में कुल 25 बाघ मर गए। ग्यारह प्राकृतिक मौतों का छोड़ दें तो अन्य बाघों की मौत करंट लगने, कुएं में गिरने, शिकार होने और टेरीटोरियल फाइट यानी आपसी लड़ाई की वजह से हुई।
Source:online.
What's Your Reaction?