10वीं शताब्दी में बनी हुई ज्वालामुखी मंदिर को सरकारी ट्रस्ट में शामिल करने उठी मांग
उमरिया। विगत दिनों से माता ज्वालामुखी मंदिर को शासकीय ट्रस्ट में शामिल करने की मांग उठने लगी है। जनपद पंचायत मानपुर में ग्राम पंचायत माला के रोहनिया में स्थिति मां ज्वालामुखी माता की मंदिर है सनातन धर्म ग्रंथों में आदिशक्ति जगदम्बा महारानी को कई रुपों कई नामों से जाना जाता है मंदिर के पुजारी व आम लोगों के बताने के अनुसार ज्वालामुखी मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी में राजा विक्रमादित्य के समय पर हुआ था यहां पर ग्रामीणों की मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा जी ने एक रात्रि में किया था मंदिर के नजदीक नदी भी बहती है मंदिर से नदी का उद्गम स्थल करीब 7 किलोमीटर होगा जो बांधवगढ़ पर्वत से निकली हुई है इसके साथ ही श्रद्धालुओं की अवधारणा व मत विभिन्न प्रकार के हैं आम जन में यह भी कथित हुआ है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम चंद्र जी अपने वनवास काल में एक रात्रि का विश्राम भी इसी रास्ते पर किया था माता की आस्था और श्रद्धा में भक्तों की मुरादें मां आदिशक्ति पूरा करती हैं मंदिर की चौखट पर मत्था टेकने से मांगी गई सच्चे भाव से सारी मन्नते पूरी होती हैं यहां पर नवरात्रि के पावन पर्व पर मेला का आयोजन होता है इसी के साथ वर्ष 2023 में पहली दफा मेला का आयोजन हुआ।
क्षेत्रीय प्रतिनिधि व ग्रामीणों को उम्मीद है कि माता की मंदिर को ट्रस्ट में शामिल करने से मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा बनी और मंदिर के पुजारी को मासिक मानदेय भी प्राप्त होने लगेगा।
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