कलेक्टर को सब पता है-सीएमएचओ, फिक्स्ड गैम की आशंका ??

Jul 27, 2022 - 13:50
Jul 27, 2022 - 14:45
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कलेक्टर को सब पता है-सीएमएचओ,  फिक्स्ड गैम की आशंका ??

नर्मदापुरम बैतूल एक्सपोज़:

पदीयगरिमा पर उठे सवाल तो देने लगे साहब का हवाला... फिक्स्ड गैम ??*  

स्वास्थ्य विभाग में यहाँ से वहां तक रग-रग में समाए भ्रष्टाचार के जर्म्स को जड़ से नष्ट करने वाले बूस्टर डोज के लिए अबकी दफा संभाग में दो CMHO के नाम प्रस्तावित किये गए हैं ? 
           CMHO कार्यालय नर्मदापुरम के  स्वास्थ्य सुधार के साथ साथ  बैतूल से भी मांग उठ रही है । गंभीर कदाचरण को छिपाकर  मीडिया के सवालों से खुदको बचाते हुए सफाई दे रहे हैं कि कलेक्टर साहब को सब पता है....! मतलब कलेक्टर जाने और आप जानों ! दोनों जिले के जिम्मेदारों द्वारा जबरदस्त पैतरा चला जा रहा है। सवालों के जवाब से साफतौर पर पल्ला झाड़कर केवल बरगलाने का काम हो रहा है। दोनो cmho अब जिला कलेक्टर का इशारा देकर मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं । 
          क्या ऊपरी लेवल से सेट हो चुका है सारा मामला ? या फिर साहब का सिंबल यूज करके मुद्दे से भटकाने मामले पर पर्दा डाला जा रहा है ? फिलहाल मामला गंभीर जांच का विषय बन चुका है ? 

          आपको बता दें कि नर्मदापुरम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रहे डॉ मौजिश के समय से CMHO कार्यालय का स्वास्थ्य ऐसा बिगड़ा,,, जो अब तक सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।

          उधर लोकायुक्त छापे के बाद जांच बदस्तूर जारी है इधर सूत्रों की माने तो बड़ी मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार से जुड़े डेम सिस्टम से सारा के सारा डाटा रहस्यमयी तरीके से डिलीट मारकर हाथ साफ किये जा रहे हैं। आखिर डेम सिस्टम से छेड़छाड़ कैसे संभव है ? करोड़ों के लेनदेन का लेखाजोखा मिलीभगत से साफ कर देने वाले कारनामे ने स्वास्थ्य महकमे पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 
          सूत्र बताते हैं कि भ्रष्टाचार को सेनेटाइज करने वाली करतूत के लिए सीएमएचओ कार्यालय की तत्कालीन संविदा लेखापाल भावना चौहान के नाम का फिर से चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक सीएमएचओ-लेखापाल ट्रेपकाण्ड के बाद संविदा लेखपाल भावना चौहान को विभाग ने भोपाल संचालनालय बुला लिया था। वहीं भ्रष्ट मौजिश को डिमोशन करके बुराहनपुर भेजा गया था । इसीबीच सबकी आँखों में झोंकने के लिए कुछ दिनों के लिए लेखपाल ऑफिस की चाबी लेकर गायब रही थी । दूसरी तरफ मौजिश गैंग द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में ज्ञापन घुमाते हुए जिला कलेक्टर को बरगलाने की कोशिश की जाती रही। इसी अंतराल में करोड़ों के भ्रष्टाचार से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्यों से छेड़छाड़ की गई, ऐसा सूत्रों का मानना है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं डॉ देहलवार के CMHO रहते आखिर डाटा किसने और कब और कैसे और क्यों डिलीट किया पूरे मामले की तत्काल जाँच की जाए तो बड़े खुलासे होंगे । 

बे-लगाम हुआ भ्रष्टाचार,  अटैचमेंट की नई नीति तैयार
 
          सिस्टम को ताक में रखकर जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स से कार्यालय में बाबू का काम लिया जा रहा है वहीं जिला अस्पताल के संविदा डॉक्टर को नियमविरुद्ध तरीके से बीएमओ का चार्ज देकर ब्लाक की जिम्मेदारी सौंप दी गई ।  इतना ही नहीं भ्रष्टाचार को मूर्तरूप देने जिले में बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से किये गए अटैचमेंट भी जस के तस हैं। जान पड़ता है अब कर्मचारियों की मूल पदस्थापना से जिम्मेदारों को कोई सरोकार है ही नहीं । 
          बताते चलें कि मिलीभगत के चलते इस भ्रष्टाचार के खेल से जुड़ी शिकायतें जिले के जिम्मेदारों तक पहुँच रही है लेकिन कार्यवाही का कहीं कोई नमोनिशान तक दिखाई नहीं दे रहा है। अब देखना यह है क्या  वाकई जिला कलेक्टर को सब पता है ?

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