खाद्यान्न घोटाला के आरोपियों को  7-7 वर्ष का कारावास

May 1, 2022 - 11:19
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खाद्यान्न घोटाला के आरोपियों को  7-7 वर्ष का कारावास

प्रत्येक को 1 लाख 5 हजार के अर्थदंड से किया दंडित

उमरिया ।  प्रधान जिला एवं  सत्र न्यायाधीश सनत कुमार कश्यप के न्यायालय ने खाद्यान्न घोटाले के आरोपियो तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सेवानिवृत्त आरपी सिंह, लिपिक सूर्यभान सिंह एवं लक्ष्मीकांत त्रिपाठी को अपराध धारा 420, 409, 468, 471, 120 बी भारतीय दंड संहिता के अपराध का दोषी पाते हुए तीनों आरोपियों को 7-7 वर्ष के कारावास एवं 1 लाख 5 हजार प्रत्येक को अर्थदंड से दंडित करने का दंड आदेश पारित किया है। 
          प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुए राज्य की ओर से पैरोकार अपर लोक अभियोजक आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2007 में जनपद पंचायत पाली में खाद्यान्न सामग्री में भ्रष्टाचार शीर्षक से प्रकाशित समाचार को सत्यता की जांच प्रशासनिक स्तर से जांच दल जिला पंचायत द्वारा गठित कर जांच कराई गई। जिसमें जांच दल के जांच प्रतिवेदन एवं उपसंचालक स्थानीय निधि समरीक्षा रीवा की टीम से वर्ष 2003-04 से वर्ष 2005 -06 के दस्तावेजों एवं आवंटित खाद्यान्न एवं वितरण अभिलेखों को ऑडिट भी कराई गई। भौतिक सत्यापन आदि की कार्यवाही से यह तथ्य निकलकर सामने आया कि 6566.80 क्विंटल खाद्यान्न कम होना पाया गया तथा ट्रांसपोर्टिंग के 4,09,998 रुपये अग्रिम के रूप में सूर्यभान को दिया जाना और उसका समायोजन नहीं होना पाया गया,और इन सब के लिए कूट रचित दस्तावेज तैयार किया जाना जांच दल ने पाया जिसका जांच प्रतिवेदन एवं ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ कार्यालय अभियुक्त आयुक्त संभाग शहडोल द्वारा थाना पाली में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश  जनपद पंचायत पाली को दिया। 

          तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदय राज सिंह जनपद पंचायत पाली के द्वारा थाना पाली में लिखित शिकायत दर्ज कराने हेतु पत्र प्रेषित किए साथ ही दस्तावेज भी पुलिस को सौंपी गई। थाना पाली द्वारा थाना पाली के अपराध क्रमांक 147/2010 के प्रथम सूचना आरोपी सूर्यभान सिंह सहायक वर्ग-3 लिपिक, श्याम बिहारी मिश्रा तत्कालीन लेखापाल, आर पी सिंह तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाली, लक्ष्मीकांत तिवारी लिपिक, डॉक्टर के के पांडे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाली, परिवहनकर्ता कैलाश अग्रवाल के विरुद्ध अपराध धारा 420, 409, 120 बी 34 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत प्रथम सूचना लेकर प्रकरण की विवेचना तत्कालीन निरीक्षक थाना पाली एसपी सिंह ने साक्ष्य एकत्र कर विवेचना पूर्ण कर दस्तावेजों के साथ अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए। 
          प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय को अधीनस्थ न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पाली के उर्यापति से प्राप्त होने पर अभियुक्त गण आरोप विरचित पश्चात अभियोजक साक्षियों का परीक्षण प्रति परीक्षण पूर्ण होने के बाद आरोपीगणों को बचाव का समुचित अवसर  न्यायालय के द्वारा दिए जाने के बाद बचाव साक्षियो के परीक्षण प्रति परीक्षण के बाद उभय पक्ष के तर्क श्रवण के बाद माननीय न्यायालय के द्वारा प्रकरण में उपलब्ध मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य का सूक्ष्म परिशीलन करने पर आरोपी सूर्यभान सिंह, आरपी सिंह एवं लक्ष्मीकांत तिवारी को दोषी पाते हुए 7-7 वर्ष के कारावास एवं 1 लाख 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का दंड आदेश पारित किए हैं। राज्य शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक आनंद श्रीवास्तव ने पैरवी की।

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